Santa-Banta Jokes

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एक बार संता और बंता एक कोयले की खदान में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं तो मैनेजर पहले बंता को बुलाता है और उसका इंटरव्यू लेता है।
मैनेजर: क्या तुमने इस से पहले भी कभी खदान में काम किया है?
बंता: जी हाँ।
मैनेजर: अच्छा तो मुझे यह बताओ की उसकी गहराई कितनी थी?
बंता: जी 20 फुट।
बंता की बात सुन मैनेजर को गुस्सा आ जाता है तो वह उस से कहता है, "क्या बकवास कर रहे हो 20 फुट गहरी भी कोई खदान होती है, तुम झूठ बोल रहे हो इसीलिए मेरे कमरे से बहार निकल जाओ।"
मैनेजर की बात सुन बंता बहार आ जाता है और संता को अन्दर हुई सारी बात बताता है और कहता है, "अगर मैनेजर अन्दर तुमसे खदान की गहराई के बारे में पूछे तो ज्यादा से ज्यादा बताना।"
उसके बाद संता की बारी आती है तो मैनेजर फिर उस से वही सवाल पूछता है।
मैनेजर: क्या तुमने इस से पहले कभी खदान में काम किया है?
संता: जी हाँ।
मैनेजर: अच्छा तो उस खदान की गहराई कितनी थी?
संता: जी 20,000 हज़ार फुट।
मैनेजर: बहुत बढ़िया तो एक बात और बताओ कि इतनी गहराई में काम करते वक्त तुम किस तरह की लाईटों का प्रयोग करते थे?
संता: जी मुझे कभी लाईटों की ज़रूरत नहीं पड़ी क्योंकि मेरी दिन की शिफ्ट होती थी।
संता और बंता कई दिनों बाद मिले संता कुछ उदास सा लग रहा था और आँखों में आंसू थे।
बंता ने पूछा, "अरे तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे तुम्हारा सुब कुछ लुट गया हो क्या बात है?"
संता ने कहा, "अरे क्या बताऊँ तीन हफ्ते पहले मेरे अंकल गुजर गए और मेरे लिए 50 लाख रूपए छोड़ गए।"
बंता: तो इसमें बुरी बात क्या है?
संता ने कहा: और सुनो दो हफ्ते पहले मेरा एक चचेरा भाई मर गया जिसे मैं जानता भी नहीं था वो मेरे लिए 20 लाख रूपए छोड़ गया।
बंता ने कहा: ये तो अच्छा हुआ।
बंता ने कहा: पिछले हफ्ते मेरे दादाजी नहीं रहे और वो मेरे लिए पूरा 1 करोड़ छोड़ गए।बंता ने कहा: ये तो और भी अच्छी बात है पर तुम इतना उदास क्यों हो?
संता ने कहा: इस हफ्ते कोई भी नहीं मरा।


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संता और बंता एक चार इंजन वाले हवाई जहाज में यात्रा कर रहे थे अचानक जहाज के नीचे की तरफ से जोर की आवाज आई पायलट ने घोषणा की हवाई जहाज के एक इंजन ने काम करना बंद कर दिया है इसलिये हमें अपनी गति कम करनी पड़ रही है अब हम लोग लगभग 1 घंटा देर से पहुंचेंगे!

कुछ देर बाद फिर जोर की आवाज आई और उसके बाद पायलट ने घोषणा की जहाज के दूसरे इंजन ने भी काम करना बंद कर दिया है अब हम लोग लगभग 3 घंटे देरी से पहुंचेंगे!

कुछ देर बाद फिर एक आवाज हुई और पायलट ने बताया कि अब जहाज लगभग 6 घंटे देरी से पहुंचेगा!

संता ने अपने बगल में बैठे बंता के कान में फुसफुसाया यार ये तो हद हो गई, अगर चौथे इंजन ने भी काम करना बंद कर दिया तो क्या हम पूरा दिन आसमान में (हवा में) ही लटके रहेंगे


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एक कस्बे में एक बार एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उस कस्बे के सबसे सुखी व खुशहाल शादीशुदा जोड़े को चुना जाना था!

संता और उसकी पत्नी को सबसे खुशहाल जोड़े के रूप में चुना गया अगले दिन एक स्थानीय समाचारपत्र का संवाददाता उनका साक्षात्कार लेने उनके घर जा पहुंचा!

दरअसल संता और उसकी पत्नी अपने शांतिपूर्ण और सुखमय विवाहित जीवन के लिये पूरे कस्बे में प्रसिद्द हो चुके थे उनके बारे में यह कहा जाता था कि उनके बीच में आज तक कभी कोई झगड़ा किसी प्रकार की कोई तकरार तक नही हुई इसी बात से प्रभावित होकर वह संवाददाता उन दोनों का साक्षात्कार लेने उनके घर पहुंचा!

सवांददाता ने जब उनसे पूछा की क्या ये सच है आप लोगों में कभी कोई तकरार नही हुई तो संता ने बताया जब हमारी शादी हुई तो उसके फ़ौरन बाद हमलोग हनीमून मनाने के लिये कश्मीर गये हुये थे!

वहां हम लोगों ने बहुत मजे किये बर्फ में घूमें, घुड़सवारी की, घुड़सवारी करते हुए मेरा घोड़ा तो ठीक था पर जिस घोड़े पर मेरी पत्नी सवार थी वह जरा सा उदण्ड था उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को नीचे गिरा दिया!

पत्नी ने घोड़े की पीठ पर हाथ फेरते हुये कहा यह पहली बार है और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई थोड़ी दूर चलने के बाद घोड़े ने फिर उसे नीचे गिरा दिया!

पत्नी ने इस बार कहा यह दूसरी बार है और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई!

तीसरी बार जब घोड़े ने उसे नीचे गिराया तो मेरी पत्नी ने घोड़े से कुछ नहीं कहा, बस अपने पर्स से पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी!

मैं अपनी पत्नी पर चिल्लाया ये तुमने क्या किया तुमने एक बेजुबान जानवर को मार दिया क्या तुम पागल हो गई हो?

पत्नी ने मेरी तरफ देखा और कहा... ये पहली बार है!
और बस, तभी से हमारी जिंदगी सुख और शान्ति से चल रही है!


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संता और बंता एक लोकल बार में बैठे बीयर पी रहे थे जब संता ने बंता से कहा अगर मैं तुम से एक प्रश्न पूछूँ तो तुम वादा करो कि तुम उसका जवाब मुझे बिल्कुल ईमानदारी से दोगे:
बंता ने कहा हाँ यार बिल्कुल पूछो:
संता ने कहा तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि यहाँ जितने भी लोग है उन सब को मेरी बीवी आकर्षक लगती है?
बंता इसलिए क्योंकि वह सभी से बेरोक टोक बातें करती हैं!
संता ने संशय प्रकट करते हुए कहा तुम कहना क्या चाहते हो बेरोक टोक बातें मतलब!
संता: मेरी बीवी कोई बेरोक टोक बातें नहीं करती!
बंता ने कहा तुम अकेले आदमी हो जिसने आज तक यह ध्यान नहीं दिया कि तुम्हारी बीवी कभी किसी को 'न' नहीं कहती!



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एक दिन संता और बंता दोनों टैक्सी स्टैंड पर बैठे बातें कर रहे थे कि तभी एक विदेशी उनके पास पहुँचा और 
उनसे अंग्रेजी भाषा में कुछ पूछा। संता - बंता दोनों बेवकूफों की तरह उस विदेशी के चेहरे को देखते रहे।

विदेशी समझ गया कि दोनों को अंग्रेजी नहीं आती। अब उसने वही प्रश्न उनसे स्पेन की भाषा स्पेनिश में पूछा।
दोनों फिर बेवकूफों की तरह विदेशी का चेहरा देखते रहे।
तीसरी बार विदेशी ने वही प्रश्न उनसे रूस की भाषा रशियन में पूछा।
दोनों का वही हाल रहा।
चौथी बार विदेशी ने वही प्रश्न उनसे जर्मनी की भाषा जर्मन में पूछा।
दोनों फिर वैसे ही उसका चेहरा ताकते रहे।

आखिर तंग आकर विदेशी चला गया। उसके जाने के बाद बंता, संता से बोला, "यार संता, हम लोगों को भी अपनी भाषा के अलावा कोई दूसरी भाषा सीखनी चाहिए। हमारे काम आएगी।"
संता ने एक जोर का झापड़ बंता को लगाया और बोला, "साले, उसको चार चार आती थी, उसके कोई काम आई?"


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संता और बंता गढ्ढा खोद रहे थे बंता ने संता से पूछा अरे भाई हम दोनों ही काम कर रहे है और ये तीसरा आदमी वहां छाया में बैठकर आराम कर रहा है!
संता ने कहा शायद उसे काम नही आता इसलिए वह वहां जाकर बैठ गया है, मैं उसे पूछकर आता हूँ!
संता उस आदमी के पास गया और उसे पूछा अरे भाई तुम काम क्यों नही कर रहे हो?
उस आदमी ने कहा क्योंकि मेरे पास दिमाग है!
संता ने पूछा वो कैसे?
वह आदमी पेड़ के साथ खड़ा हो गया और कहने लगा मेरे मुहं पर मुक्का मारो जितनी जोर से तुम मार सकते हो!
संता ने मुक्का बनाया और पूरे जोर से उस आदमी को मारा वह आदमी थोड़ा सा एक तरफ को हो गया और संता का मुक्का सीधा पेड़ पर लगा उसे हाथ में बहुत दर्द हुआ!
संता ने कहा अच्छा अब मुझे पता चला कि तुम काम क्यों नही कर रहे!
वह वापिस बंता के पास गया बंता ने उसे पूछा तो अब बताओ हम दोनों ही काम क्यों कर रहे है?
संता ने कहा क्योंकि उसके पास दिमाग है!
बंता ने पूछा वह कैसे?
संता इधर-उधर पेड़ देखने लगा पर उसे पेड़ नजर नही आया उसने अपने हाथ को अपने मुहं के सामने रख दिया और बंता से कहा मेरे हाथ पर अपना मुक्का मारो जितनी जोर से तुम मार सकते हो!


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एक बार संता को एक लड़की से प्यार हो गया। वो रोज़ उसे ऑफिस, जहाँ को काम करती, ले जाने और वापस घर छोड़ के आने लगा।
एक दिन रास्ते में लड़की बेहद उदास हो कर बोली, "कल लड़के वाले मुझे देखने आये थे।"
संता: फिर?
लड़की: मुझे पसंद कर गए।
संता बेहद दुखी होते हुए बोला, "अब?"
लड़की रोन लगी और रोते - रोते बोली, "अगले महीने की शादी तय हो गई, उनका घर लक्ष्मी नगर है।"
संता गहरी सोच में पड़ गया।
लड़की: अब क्या करना है, सोचो जल्दी।
संता: सोच ही तो रहा हूँ। अब लक्ष्मी नगर से तुम्हें ऑफिस छोड़ने के लिए मुझे रिंग रोड़ लेनी पड़ेगी, फिर 3 किलोमीटर बाद यू - टर्न, उसके बाद वन वे के कारण राजगुरु रोड़, फिर वो मुखर्जी नगर वाला फ्लाई ओवर... ओये नहीं मेरे बस की बात नहीं है, तू अपने पति को ही बोल कोई इन्तेजाम करे, मुझे बहुत लम्बा पड़ेगा।"


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एक बार संता और बंता दोनों एक दुकान पर गए। वहाँ सब लोगों को अपने काम में व्यस्त देख कर बंता ने 3 चॉकलेट चुरा लिए।
जब दोनों बाहर आये तो बंता अपनी ढींगे हांकने लगा कि वो बहुत चालाक है। उसने 3 चॉक्लेट चुराए और किसी को पता भी नहीं लगने दिया। तुम ऐसा नहीं कर सकते।
यह सुनकर संता को भी गुस्सा आ गया और बोला, "चलो मैं तुम्हें इससे भी बढ़िया चीज़ दिखाता हूँ।"
वो दोनों वापिस अंदर चले गए। अंदर जाकर संता ने दुकानदार से कहा, "क्या तुम जादू देखना चाहते हो?"
दुकानदार ने कहा, "हाँ, ठीक है।"
संता: तो फिर मुझे एक चॉकलेट दो।
दुकानदार ने संता को चॉकलेट दी और संता ने वो चॉकलेट खा ली और दूसरी चॉकलेट मांगी। दुकानदार ने दूसरी चॉकलेट भी दे दी तो संता ने उसे भी खा लिया। अब संता ने दुकानदार से तीसरी चॉकलेट मांगी और वो भी खा ली।
दुकानदार ने पूछा, "इसमें जादू कहाँ है?"
संता: मेरे दोस्त की जेब देखो तो तुम्हें तुम्हारी तीनों चॉकलेट वापिस मिल जाएँगी!


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लम्बी हवाई यात्रा करते हुए आइन्स्टीन और बंता एक दूसरे के सामने बैठे हुए थे।
आइन्स्टीन ने कहा, "चलो एक खेल खेलतें हैं, मैं एक प्रश्न पूछता हूँ अगर तुम्हें उसका जवाब न आये तो तुम मुझे 5 डॉलर देना अगर मुझे जवाब नहीं आएगा तो मैं तुम्हें 500 डॉलर दूंगा।"
आइन्स्टीन ने पहले प्रश्न पूछा, "धरती से चंद्रमा की दूरी कितनी है?"
बंता ने कुछ नहीं कहा और अपनी जेब से 5 डॉलर निकाले।
अब बंता की बारी थी उसने आइन्स्टीन से पूछा, "ऐसा क्या है जो तीन पैरों पर पहाड़ी पर चढ़ता है और चार पैरों पर वापिस उतरता है?"
आइन्स्टीन ने नेट पर खोजना शुरू कर दिया उसने अपने सभी दोस्तों को पूछा, और एक घंटे के बाद उसने बंता को 500 डॉलर दे दिए, आइन्स्टीन ने पागल होते हुए पूछा, "अब बताओ वो क्या है जो तीन पैरों पर पहाड़ी पर चढ़ता है और चार पैरों पर उतरता है?"
बंता ने जेब से 5 डॉलर निकाले और आइन्स्टीन को दे दिए।



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बंता: प्रीतो और मैं तलाक ले रहे है।
संता हैरान होते हुए, "क्यों क्या हुआ तुम दोनों तो बहुत अच्छे से रहते हो।"
बंता: जब से हम लोगों ने शादी की है तब से प्रीतो मुझे बदलने की कोशिश में लगी हुई है, सबसे पहले उसने मुझे शराब पीने से रोका, फिर सिगरेट फिर इधर-उधर आवारा घूमने से। उसने मुझे सिखाया कि अच्छे कपड़े कैसे पहनते है, उसने मुझे संगीत और कला के प्रति रूचि आदि सब सिखाये और स्टॉक मार्केट में कैसे निवेश करना है ये सब भी उसी ने सिखाया।
संता ने कहा, "क्या तुम बस इसलिए नाराज हो कि उसने तुम्हें बदलने के लिए ये सब किया।"
बंता: अरे मैं नाराज नहीं हूँ मैं अब काफी सुधर चुका हूँ तो अब वो मुझे अपने लायक नहीं लगती।


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मुर्गियों के रूप में एक बार दृष्टिकोण के लिए इंस्पेक्टर आया।
इंस्पेक्टर: तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो?
पहला मालिक:
इंस्पेक्टर: खराब खाना, इसे गिरफ्तार कर लो।
दूसरा: चावल।
इंस्पेक्टर: गलत खाना, इसे भी गिरफ्तार कर लो।
अब संता की बारी आई।
संता डरते-डरते बोला, "हम तो जी मुर्गियों को 5-5 रुपए दे देते हैं कि जो तुम्हारी मर्जी है उसे खा लो।"


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एक दिन संता थका हारा डॉक्टर के पास आता है और डॉक्टर से कहता है डॉक्टर साहब मेरे पड़ोस में बहुत सारे कुत्ते है जो रात दिन भौंकते रहते है जिस कारण में एक घड़ी के लिए भी नहीं सो पाता।

डॉक्टर ने कहा इसमें कोई चिंता की बात नहीं है मैं तुम्हें कुछ नींद की गोलियां दे देता हूँ वे इतनी असरदार है कि तुम्हें पता ही नहीं चलेगा कि तुम्हारे पड़ोस में कोई कुत्ता है भी या नहीं। ये दवाइयाँ तुम ले जाओ और अपनी परेशानी दूर करो।

कुछ हफ्ते बाद संता वापस डॉक्टर के पास आया और पहले से ज्यादा परेशान लग रहा था और डॉक्टर से कहने लगा डॉक्टर साहब आपकी योजना ठीक नहीं थी अब तो मैं पहले से ज्यादा थक गया हूँ।

डॉक्टर मैं नहीं जानता कि ये कैसे हो गया पर जो दवाईयां दी थी वे नींद आने की सबसे बढ़िया गोलियां थी चलो फिर भी आज मैं तुम्हें उससे भी ज्यादा असरदार गोलियां देता हूँ।

संता: क्या ये सचमुच असर करेंगी पर मैं सारी रात कुतों को पकड़ने में लगा रहता हूँ और मुश्किल से अगर एक-आध को पकड़ भी लूँ तो उसके मुहं में गोली डालना बहुत मुश्किल हो जाता है।


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एक बार संता को रास्ते में एक चिराग मिला तो उसने सोचा कि, "क्यों ना चिराग रगड़ कर देखूं शायद इसमें से कोई जिन्न ही निकल आये"।
यह सोच कर संता ने चिराग रगडा, तो उसमे से धुंए के साथ एक जिन्न निकल कर आया और संता से बोला।
जिन्न: क्या हुकुम है मेरे आका?
संता: मेरे बैंक खाते में 100 करोड़ रूपए जमा करा दो।
जिन्न: यह तो थोडा मुश्किल काम है आका कोई और हुकुम करें।
संता: तो ठीक है मेरे घर से लेकर अमेरिका तक सीधी सड़क बना दो।
जिन्न: आका यह काम भी थोडा नामुमकिन सा है कोई और आदेश करें?
जिन्न की बात सुन कर संता ने ठंडी सी आह भरते हुए कहा, "अच्छा चलो कम से कम मेरी बीवी को थोड़ी सी अक्ल देकर समझदार तो बना दो"।

संता की बात सुन कर जिन्न तपाक से बोला, "आका सड़क सिंगल लेन बनानी है या डबल लेन"?


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एक ट्रेन मेँ एक पंडित एक गुज्जर एक बनिया और एक जाट यात्रा कर रहे थे।
पंडित ने रौब झाडते हुऐ 100 का नोट निकाला और उस पर तम्बाकू डाल कर उसको बीडी बना कर पीने लगे।
फिर गुज्जर ने 500 का नोट निकाला वह भी पंडित की तरह बीडी बनायी और पीने लगा।
अब बनिया जहां पीछे रहने वाला था, उसने 1000 का नोट निकाला और बीडी बनाकर पीने लगा।
अब आ गयी जाट की बारी।
जाट ने चेकबुक निकाली एक करोड की राशि भर के चेक की बीडी बनायी और पीने लगा।
सब बेहोश और जाट मदहोश!


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एक बालक जिद पर अड़ गया... बोला कि छिपकली खाऊंगा।
घरवालों ने बहुत समझाया पर नहीं माना।
हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया। वे जिद तुड़वाने में महारथी थे।
गुरु के आदेश पर एक छिपकली पकड़वाई गई. उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रख गुरु बोले, ले खा... बालक मचल गया।
बोला, तली हुई खाऊंगा।
गुरु ने छिपकली तलवाई और दहाड़े, ले अब चुपचाप खा. बालक फिर गुलाटी मार गया और बोला, आधी खाऊंगा।
छिपकली के दो टुकड़े किये गये। बालक गुरु से बोला, "पहले आप खाओ"।
गुरु ने आंख नाक और भी ना जाने क्या क्या भींच किसी तरह आधी छिपकली निगली गुरु के छिपकली निगलते ही बालक दहाड़ मार कर रोने लगा और बोला," आप तो वो टुकड़ा खा गये जो मैंने खाना था।
गुरु ने धोती सम्भाली और वहां से भाग निकले कि अब जरा भी यहां रुका तो ये दुष्ट दूसरा टुकड़ा भी खिला कर मानेगा।
यह देख मुझे अरविन्द केजरीवाल की याद आ गयी।
करना-धरना कुछ नहीं,नौटंकी दुनिया भर की।


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संता और जीतो की शादी हो गयी, संता ने सोचा ये एक नए ज़माने की शादी है इसलिए दोनों की जिम्मेवारियां बराबर होनी चाहिए।

इसलिए हनीमून से लौट कर पहली ही सुबह संता जीतो के लिए बिस्तर पर ही ब्रेकफास्ट लाया।

जीतो उसकी पाक कला से ज्यादा प्रभावित नहीं हुई, उसने बड़े अनादर से ट्रे की तरफ देखा और सूंघकर कहा,"उबला हुआ अंडा, मुझे तो तला हुआ अंडा चाहिए था।"

अगली सुबह संता पूरे जोश में अपनी पत्नी की पसंद का तला हुआ अंडा ले आया, जीतो ने वो भी नहीं खाया,"तुम्हें पता नहीं मुझे अलग अलग किस्म के अंडे पसंद है? आज मुझे उबला हुआ अंडा चाहिए था।"

अपनी पत्नी को खुश करने के लिए अगले दिन सुबह बंता ने उसकी पसंद के दो अंडे बनाये, एक उबला हुआ एक तला हुआ और कहा लो मेरी जान खाओ।

जीतो एकदम गुस्से हो गयी, "तुम मूर्ख हो! तुमने गलत अंडा तल दिया और गलत उबाल दिया।"


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एक अति आवश्यक सूचना:

अपना आधार कार्ड 31 मार्च 2017 तक अपनी ससुराल से लिंक करवा लें अन्यथा ससुराल पक्ष में होने वाली शादी के समय मिलने वाले कपड़े आने- जाने का किराया, उपहार, पार्सल (सिदोरी) और एक वर्ष में मिलने वाले सीजनेबल आईटम जैसे पापड, बड़ी, सेवई, कुरोडी, अचार, फल और साथ ही मदद के लिए मिलने वाला रिटर्नेबल या नाट रिटर्नेबल लोन जैसे कि घर में शादी, बीमारी, पढाई , मकान, प्लाट, नई गाडी, कोई यात्रा आदि के लिए मिलने वाली सहायता नहीं मिल सकेगी। इसलिए जल्दी हीअपना आधार लिंक करायें।

योजना सिर्फ 10 साल पुराने दामाद और बहू पर लागू। उससे पुराने को तो वैसे भी कोई नहीं पूछता।


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एक बार एक पिता अपने पुत्र के कमरे के बाहर से निकले तो देखा, कमरा एकदम साफ़। नयी चादर बिछी हुई और उसके उपर एक पत्र रखा हुआ था।
इतना साफ़ कमरा देखकर पिता अचम्भित हो उठा। उसने वो पत्र खोला। उसमे लिखा था।
"प्रिये पिता जी,
मैं घर छोड़कर जा रहा हूँ। मुझे माफ़ करना। आपको मैं बता देना चाहता हूँ मैं दिव्या (वर्मा अंकल की बेटी) से प्यार करता था लेकिन दोनों परिवार की दुश्मनी को देखते हुए मुझे लगा आप सब हमारे रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे।
आपको और मम्मी को दिव्या पसंद नहीं, क्योंकि वो शराब पीती है। लेकिन आप सब नहीं जानते शराब पीने वाला कभी झूठ नहीं बोलता। मैं सुबह में जल्दी इसलिए निकला क्योंकि मुझे उसकी जमानत करनी थी। वो कल रात कुछ दोस्तों के साथ चरस पीती पकड़ी गयी थी और सबसे पहले उसने मुझे ही फ़ोन किया। क्या ये प्यार नहीं है?
उसको सास ससुर पसंद नहीं है। वो आपको और मम्मी को गालियाँ देती रहती है, इसलिए हम सबके लिए यही अच्छा है कि हम अलग रहें। रही बात मेरी नौकरी की, तो उसका भी इंतज़ाम दिव्या ने कर लिया है उसने मुझे पॉकेट मारना सिखा दिया है।
उपर से उसके दोस्तों का अपना ड्रग्स सप्लाई का बिज़नस भी है। वो भी जल्द सीख ही लूँगा। अपनी लाइफ तो सेट है पापा। बस आपका आशीर्वाद चाहिए।
आपका प्यारा बेटा।"
पेज के अंत में लिखा था: PTO
पिता ने अपने काँपते हाथों से पत्र पलटा तो उस पर लिखा था, "चिंता न करो। सामने वालों के यहाँ मैच देख रहा हूँ। बस ये बताना था कि मेरे रिजल्ट में नंबर कम आने से भी बुरा और बहुत कुछ हो सकता है। इसलिए थोड़े में संतोष करो। साइड की टेबल पर रिजल्ट पड़ा है। साइन कर देना, कॉलेज में जमा करना है।"


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बुजुर्ग पति-पत्नी एक साथ गुज़र गए। जब ऊपर पहुँचे तो चित्रगुप्त ने बहीखाता देख कर एक दूत से कहा, "इन्हें स्वर्ग में ले जाओ।"

दूत उन्हें स्वर्ग में ले गया। एक आलीशान बंगले में ले जाकर बोला, "आप दोनों यहां रहेंगे। यहां हर तरह का आराम है। हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। नौकर-चाकर हमेशा आपकी सेवा में रहेंगे। और हां, आप जो भी जब भी खाना पीना चाहें, आपको मिलेगा।"

बुजुर्ग ने पूछा, "अगर हम बीमार हो गए तो डॉक्टर कहां मिलेगा?"

दूत ने बताया, "स्वर्ग में कभी कोई बीमार नहीं होता।"

बुजुर्ग लंबी सांस छोड़ते हुए पत्नी से बोला, "अगर हम लोग अपने डॉक्टर की बात न मान कर, फल-सब्जियों की बजाय, अपनी मनमर्जी की चीजें खाते पीते, तो कई साल पहले यहां पहुंच जाते।"


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पिछले हफ्ते मेरी दाढ़ में दर्द हुआ और मैं जिंदगी में पहली बार दाँतों के डॉक्टर के पास गया। रिसेप्शन में बैठे-बैठे मेरी नजर वहाँ दीवार पर लगी डॉक्टर की डिग्री पर पड़ी और उस पर लिखे डॉक्टर के नाम को पढ़ते ही मानो मुझ पर बिजली गिर पड़ी।

"डॉ. नंदिता प्रधान" यानि, स्कूल के दिनों की हमारी क्लास की हीरोइन। गोरी-चिट्टी, ऊँची-लम्बी, घुँघराले बालों वाली खूबसूरत लड़की।

अब झूठ क्या बोलूँ, क्लास के दूसरे लड़कों के साथ साथ मैं खुद भी उस पर मरता था, अपनी नंदू पर।

मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। मेरा नंबर आने पर मैंने धड़कते दिल से, नंदू के चेम्बर में प्रवेश किया। उसके माथे पर झूलते घुँघराले बाल अब हट चुके थे, गुलाबी गाल अब फूलकर गोल गोल हो गए थे, नीली आँखें मोटे चश्मे के पीछे छुप गयी थीं लेकिन फिर भी नंदू बहुत रौबदार लग रही थी।

लेकिन उसने मुझे पहचाना नहीं। मेरी दाढ़ की जाँच हो जाने के बाद मैंने ही उससे पूछा, "तुम कान्वेंट में पढ़ती थी ना?"

वो बोली, "हाँ"

मैंने पूछा, "10 वीं से कब निकली? 1991 में ना?"

वो बोली, "करेक्ट! लेकिन आपको कैसे मालूम?"

मैंने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "अरे, तुम मेरी ही क्लास में थी।"

फिर
वो
भैंस,
चश्मिश,
हथनी,
मोटी,
भद्दी,
टुनटुन
मुझसे बोली... "सर आप कौन सा सब्जेक्ट पढ़ाते थे?"


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क्या ये दिल मांगे मोर?
संता पेप्सी लेकर सामने रख के उदास बैठा था।
बंता वहां आया और आते ही संता की पेप्सी पी गया और पूछा, "यार तू उदास क्यों है?"
संता बोला,"यार आज का दिन ही बुरा है।"
सुबह -सुबह बीवी से झगड़ा हो गया।
रास्ते में कार खराब हो गई।
ऑफिस लेट पहुंचा तो बॉस ने नौकरी से निकाल दिया।
और अब जब जिंदगी से तंग आकर मैंने आत्महत्या करने के लिए पेप्सी में जहर मिलाया तो वो भी तू पी गया अब बता मैं उदास ना होऊं तो क्या करूँ?


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इंजीनियर!
एक पादरी, वकील और इंजीनियर को विद्रोह के कारण मौत की सजा मिली। जब सजा देने का वक़्त आया तो अपराधियों को आखिरी ख्वाहिश की प्रथा बताई तो उन्हें गर्दन ऊपर और नीचे रखने के विकल्प मिले।
पादरी ने ऊपर देखना स्वीकारा ताकि भगवान को देख सके और जैसे ही बटन दबाया गया तो आरी, गर्दन से सिर्फ दो इंच ऊपर रुक गई। अधिकारियों ने इसे ईश्वर की मर्जी समझ के उसे छोड़ दिया।
वकील ने भी ऊपर देखा और जब आरी रुकी तो वह बोला कानूनन एक व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती और वह भी छूट गया।
इंजीनियर ने भी ऊपर ही देखने का फैंसला किया। जब बटन दबाया जा रहा था तो वो चिल्लाया, "एक मिनट रुको, अगर आप उस हरे और लाल तार को आपस में बदल देंगे तो काम हो जायेगा।"
बस काम तमाम हो गया।


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कहीं शुरू न हो जाये!एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।"
जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई।
चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला, "इससे पहले शुरू हो जाये, मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ।"
जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी।
थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये, यह बर्तन उठाओ यहाँ से।"
जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ, जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है।"
संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला, "लो शुरू हो गया।"


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संता ने बंता को थप्पड़ मार दिया।
बंता ने तुरंत कड़े शब्दों में इसकी निंदा कर दी।

संता ने बंता को फिर थप्पड़ मारा।
बंता ने और कड़े शब्दों में इसकी निंदा कर दी।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
बंता ने और कड़े शब्दों में इसकी निंदा की और इन हरकतों से बाज आने की चेतावनी जारी कर दिया।

संता ने बंता को फिर थप्पड़ मारा।
बंता ने इसे निंदनीय कृत्य निरूपित किया और कहा कि यह हमला संता के हताशा का परिचायक है।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
अबकी बार बंता ने अपने चारों ओर सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश जारी कर दिया, और दो टूक शब्दों में संता को बता दिया कि यह हमला कायराना हरकत है।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
अबकी बार बंता ने फौरन मीटिंग बुला कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश जारी कर दिया और संता को उचित समय पर कार्यवाही की चेतावनी दी।

संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा।
अबकी बार बंता अपने सुरक्षा कर्मियों को संता के घर के चारों तरफ तैनात की हमले के लिए तैयार रहने का निर्देश देता है।

संता माहौल को भांप कर बंता को शांति वार्ता के लिए नियंत्रण देता है।

अगले दिन बंता संता की बीवी के लिए सूट का कपड़ा, शाल तथा बच्चों के लिए मिठाई लेकर शांतिवार्ता के लिए पहुंच जाता है, वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न होती है।

बंता सीना फुलाकर वापस आ जाता है।

अगले दिन बंता को फिर थप्पड़ पड़ता है और मेरे पास घटना का वर्णन करने के लिए शब्द खत्म हो गये, लेकिन सिलसिला जारी है।


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नादानी ने मरवा दिया!
एक लोहार काफी बूढ़ा हो गया था उसने सोचा कि उसे अपने साथ किसी आदमी को काम पर रख लेना चाहिए।

तब उसने संता को बुलाया और अपने साथ काम पर रख लिया संता उससे हर काम से पहले उसके बारे में पूछ लेता।

बूढ़ा काफी चिढ़चिढ़ा और सख्त स्वभाव का था उसने संता को कहा कि वह ज्यादा सवाल मत पूछा करे जो उसे कहा जाये उसे चुपचाप किया करे।

एक दिन लोहार ने जलती हुई भट्टी से लोहा निकाला और और सन्दान पर रख दिया उसने हथौड़ा उठाया और संता को पकड़ाया और कहा जब मैं अपना सिर हिलाऊँ तो इसे पूरे जोर से मार देना।

और बस तब से शहर के लोग किसी नए लोहार की तलाश में है।


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ठीक नहीं है नशा!
एक बार एक आदमी सड़क किनारे बैठ कर बीड़ी पी रहा था, तभी वहां संता आता है और उस आदमी से कहता है, "भाई, नशा करना छोड़ दो और मेरे साथ चलो मै तुम्हे दिखाता हूँ ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है!"
उस आदमी ने बीड़ी फेंक दी और संता के पीछे चल दिया!
थोड़ी और आगे जाने के बाद संता को और उस आदमी को एक पठान मिलता है जो की पेड़ के नीचे बैठ कर चरस पी रहा होता है, उसको देख संता उससे भी कहता है,"भाई, नशा करना बुरी बात है, मेरे साथ चलो मैं तुम्हें दिखाता हूं कि ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है!"
पठान भी चरस फेंकता है और संता के पीछे-पीछे चल पड़ता है!
थोड़ी और आगे जाने के बाद संता को बंता दिखाई देता है, जो की शराब पी रहा होता है, बंता को देख संता उससे भी कहता है, " देखो भाई नशा करना बुरी बात है, मेरे साथ चलो मैं तुम्हें दिखाता हूं कि ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है!"
संता की बात सुन बंता अपना पैग मेज पर रख देता है और संता को पीटने लगता है!
यह सारा तमाशा देख पठान को गुस्सा आ जाता तो वह बंता से कहता, "तुम क्यों इस नेक इंसान को पीट रहे यह तो तुम्हारे भले के लिए ही कह रहा है!"
पठान की बात सुन बंता जवाब देता है, "भला-वला गया भाड़ में, इस साले ने कल भांग पीकर मुझे भी ऐसे ही 3 घंटे तक सारे शहर में पैदल घुमाया था!"


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मैं नहीं जाऊंगा!
संता बंता और उनका एक दोस्त बीयर बार में बीयर पीने गए!
जब वह पीने लगे तो संता बोला लगता है बाहर बारिश हो रही है और हमारे पास छतरी भी नहीं है, तीनों में ये बात चल पड़ी की छतरी लाने के लिए कौन जाएगा गरमागरम बहस के बाद तय हुआ कि बंता छतरी लेने के लिये घर जाये!
बंता ने गुस्से में कहा मेरे जाने पर तुम मेरी सारी बीयर पी जाओगे उन्होंने उसे विश्वास दिलाया कि वे दोनों उसके हिस्से की बीयर नहीं पीयेंगे, उसके हिस्से की ज्यों की त्यों रखी रहेगी तब कहीं बंता छतरी लेने चला गया!
रात गहराने लगी पर बंता वापिस लौटकर नहीं आया संता अपने दोस्त को बोला क्यों न बंता के हिस्से की बीयर भी पी ही ली जाये अब तो वो आने से रहा!
दूसरा बोला मैं भी यही सोच रहा था आओ पीते हैं!
तभी बार के एक कोने की छोटी सी खिड़की से तेज आवाज आई अगर पीओगे तो मैं छतरी लेने नहीं जाऊंगा!


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संता एक बार शिकार करने चला गया और साथ में अपनी पत्नि जीतो और सास को भी ले गया!
एक शाम को जंगल में बहुत गहरा अँधेरा था सब कुछ शांत था और जीतो अपनी माँ को इधर उधर ढूंढने लगी, जब उसे अपनी माँ कहीं भी नहीं नजर आयी तो उसने संता को बताया कि माँ पता नहीं कहाँ है!
तब संता ने अपनी राइफल उठाई और बाहर निकल गया संता ने थोड़ी सी शराब भी पी रखी थी वो जहाँ ठहरे थे पहले उन्होंने उसके चारों ओर ढूंढा पर उन्हें संता की सास कहीं नहीं मिली फिर वे दोनों जंगल में काफी दूर आ गए!
तभी जीतो की नजर सामने अपनी माँ पर पड़ी उसकी माँ के बिल्कुल सामने शेर था!
वह घबराते हुए संता से कहने लगी अब हमें क्या करना चाहिए?
संता ने कहा कुछ नहीं! शेर खुद ही इस झंझट में फंसा है, अब इसे खुद ही इस झंझट से बाहर निकलना है!


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बंता की होशियारी!
बंता मछलियाँ पकड़ने में काफी माहिर था और बड़ी बड़ी मछलियाँ पकड़ने के लिए मशहूर था, एक दिन वो बड़ी सी मछली पकड़कर टोकरी में लेकर घर की तरफ आ रहा था तभी मत्स्य अधिकारी ने उसे रोका और पूछा क्या तुम्हारे पास मछली पकड़ने का लाइसेंस है!
बंता ने जवाब दिया: लाइसेंस? कैसा लाइसेंस? लाइसेंस की तो कोई जरुरत ही नहीं है ये तो मेरी पालतू मछली है!
पालतू मछली? मत्स्य अधिकारी ने पूछा!
बंता ने जवाब दिया: जी हाँ सर 'पालतू' हर रात को मैं इसे इस झील में डाल देता हूँ और थोड़ी देर के बाद मैं एक सीटी बजाता हूँ और ये कूदकर झील के किनारे पर आ जाती हैं और टोकरी में डालकर घर ले जाता हूँ!
ये तो तुम मेरा सरेआम बेवकूफ बना रहे हो मछली ऐसा कर ही नहीं सकती!
बंता ने अधिकारी से कहा: आप ये चाहते हैं कि मैं आपको ये सब करके दिखाऊँ!
मत्स्य अधिकारी ने उत्सुकता से कहा: बिल्कुल जरुर देखना चाहूँगा!
बंता ने मछली को पानी में डुबो दिया और वहीँ खड़ा हो गया थोड़ी देर वहीँ रुकने के बाद मत्स्य अधिकारी ने बंता से कहा: फिर?
बंता: फिर क्या?
अधिकारी ने पूछा: तो तुम अपनी मछली को वापिस नहीं बुला रहे हो!
बंता ने कहा: मछली?... कौन सी मछली?


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एक बार संता शिकार करने चला गया उसने जाते ही एक कबूतर को मार दिया वह कबूतर जाकर एक खेत में गिरा, जब वह बाड़ा पार करके उस कबूतर के पास पहुंचा तभी एक किसान वहां आया और संता को पूछने लगा कि वह उसकी प्रोपर्टी में क्या कर रहा है?
संता ने कबूतर को दिखाते हुए कहा कि मैंने इस कबूतर को मारा और ये मर कर यहाँ गिर गया मैं इसे लेने आया हूँ!
किसान ने कहा ये कबूतर मेरा है क्योंकि ये मेरे खेत में पड़ा है!
संता ने कहा क्या तुम जानते हो तुम किससे बात कर रहे हो?
किसान ने जवाब दिया नहीं मैं नहीं जानता और मुझे इससे भी कुछ नहीं लेना है कि तुम कौन हो!
संता ने कहा मैं लुधिआना का एक बहुत मशहूर वकील हूँ, और अगर तुमने मुझे इस कबूतर को ले जाने से रोका तो मैं तुम पर ऐसा मुकदमा चलाऊंगा कि तुम्हें तुम्हारी जमीन जायदाद से बेदखल कर दूंगा और तुम्हें एक पल में रास्ते का भिखारी बना दूंगा!
किसान ने कहा हमारे भटिंडा मैं तो बस एक ही कानून चलता है लात मारने वाला!
संता ने कहा मैंने तो कभी इसके बारे में नहीं सुना!
किसान ने कहा मैं तुम्हें तीन लातें मारता हूँ अगर तुम वापिस उठकर तीन लातें मुझे मार पाओगे तो तुम इस कबूतर को ले जाना!
संता ने कहा ये ठीक है उसने उस किसान को देखा कि वह तो बिल्कुल कमजोर सा है तो इसकी लातों से उसे क्या फर्क पड़ने वाला ये सोचकर उसने कहा ठीक है मारो!
किसान ने बड़ी बेरहमी से संता को पहली लात टांगों के बीच में मारी जिससे संता मुहं के बल झुक गया!
किसान ने दूसरी लात संता के मुहं पर मारी जिसके पड़ते ही वह जमीन पर गिर गया!
तीसरी लात किसान ने संता की पसलियों पर मारी बड़ी देर बाद संता उठा और जब वह लात मारने के लायक हुआ तो संता ने कहा अब मेरी बारी है!
किसान ने कहा, चलो छोड़ो यार! ये कबूतर तुम ही रखो!


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संता और बंता का बिजनेस!
संता और बंता कोई बिजनेस शुरू करने कि सोच रहे थे बहुत चर्चा के बाद उन्होंने ये फैसला किया कि होटल का बिजनेस शुरू करते है!
उन्होंने होटल चलाने के लिए पहले एक अच्छी सी जगह देखी और फिर स्टाफ और अन्य सामग्री जो होटल के लिए आवश्यक होती है सब का प्रबंध किया फिर होटल का उदघाटन किया और काम शुरू कर दिया वो ग्राहकों का इन्तजार करने लगे एक दिन दो दिन... लगातार ऐसे ही 7 दिन बीत गए पर उनके पास कोई ग्राहक नहीं आया... जानते है क्यों?
क्योंकि होटल के प्रवेशद्वार पर लिखा था 'आगंतुकों का' आना मना है (विजिटर्स नॉट अलाउड)!
होटल का बिजनेस असफल होने के बाद उन्होंने फिर नया बिजनेस शुरू किया ऑटो गैराज का!
उन्होंने गैराज को बहुत बढ़िया सजाया, गाड़ियों के स्पेयर पार्ट और दूसरे यंत्र एकत्रित कर, उन्होंने जल्दी ही गैराज का काम शुरू कर दिया वो चाहते थे कि उनके गैराज के बाहर बहुत सी गाड़ियाँ आये पर लगातार 7 दिन तक उनके गैराज में एक भी गाड़ी नहीं आयी... जानते है क्यों?
क्योंकि उनका गैराज बिल्डिंग की पहली मंजिल पर था!


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एक दिन बंता अपने बॉस से मिलने उसके ऑफिस में गया!
बंता: सर मैं अन्दर आ सकता हूँ!
बॉस: अरे बंता, आओ... आओ!
बंता: सर कल हमने अपने घर कि पूरी सफाई करनी है और मेरी बीवी प्रीतो को इस काम के लिए मेरी मदद चाहिए काफी सामान है जो उठाकर इधर उधर करना है इसलिए मुझे.....?
बॉस: बंता देखो हमारे पास पहले ही स्टाफ की कमी है नहीं... नहीं मैं तुम्हें छुट्टी नहीं दे सकता!
बंता: थैंक्यू सर थैंक्यू मुझे आप पर पूरा भरोसा था!


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बिल्ली की जिद!
संता के घर एक बिल्ली रहती थी जिससे वह बहुत परेशान था, एक दिन संता उस से तंग आकर उसे जंगल में छोड़ आता है, परन्तु संता के घर पहुंचने से पहले वह बिल्ली घर लौट आती है!
यह देख संता दुबारा उस बिल्ली को और दूर जंगल में छोड़ आता है, पर फिर वैसा ही होता है और वह बिल्ली फिर वापस घर पहुँच जाती है यह देख संता को बहुत गुस्सा आता है, तो वह इस बार बिल्ली को अपनी गाडी में डाल कर और घने जंगल में ले जा कर छोड़ देता है, और कुछ देर बाद अपनी पत्नी को फ़ोन करता है और पूछता है;
संता: क्या बिल्ली घर आ गई है?
जीतो: हां, वह फिर पहुंच गई है!
संता: ठीक है तो उसे कहो मुझे आकर ले जाए, मैं रास्ता भूल गया हूं!
संता-बंता
जिन्न भी हर काम नहीं कर सकता!
एक बार संता को रास्ते में एक चिराग मिला तो उसने सोचा कि, "क्यों ना चिराग रगड़ कर देखूं शायद इसमें से कोई जिन्न ही निकल आये"।
यह सोच कर संता ने चिराग रगडा, तो उसमे से धुंए के साथ एक जिन्न निकल कर आया और संता से बोला।
जिन्न: क्या हुकुम है मेरे आका?
संता: मेरे बैंक खाते में 100 करोड़ रूपए जमा करा दो।
जिन्न: यह तो थोडा मुश्किल काम है आका कोई और हुकुम करें।
संता: तो ठीक है मेरे घर से लेकर अमेरिका तक सीधी सड़क बना दो।
जिन्न: आका यह काम भी थोडा नामुमकिन सा है कोई और आदेश करें?
जिन्न की बात सुन कर संता ने ठंडी सी आह भरते हुए कहा, "अच्छा चलो कम से कम मेरी बीवी को थोड़ी सी अक्ल देकर समझदार तो बना दो"।
संता की बात सुन कर जिन्न तपाक से बोला, "आका सड़क सिंगल लेन बनानी है या डबल लेन"?


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सी. बी. आई की भर्ती!
सी. बी. आई ने तीन लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया उन्होंने उन्हें एक एक कर इंटरव्यू के लिए बुलाया! इंटरव्यू लेने वाले ने पहले आदमी से पूछा: क्या तुम अपनी पत्नी से प्यार करते हो?
जी हाँ सर करता हूँ!
क्या तुम अपने देश से प्यार करते हो?
जी हाँ सर!
तुम ज्यादा प्यार किससे करते हो अपने देश से या अपनी पत्नी से?
अपने देश से सर!
ठीक है, ये लो बंदूक अपनी पत्नी को अंदर बुलाओ दूसरे कमरे में ले जाकर उसे मार दो!
वो आदमी अपनी पत्नी को लेकर अंदर गया, पांच मिनट तक सब कुछ शांत था फिर वह बाहर आया उसकी टाई खुली थी, और वो पसीने से भीगा था उसने बंदूक नीचे रखी और बाहर चला गया!
दूसरा आदमी अंदर आया और बैठ गया, इंटरव्यू लेने वाले ने उससे भी वही प्रश्न पूछे?
उसका भी वही जवाब था इंटरव्यू लेने वाले ने उसे बंदूक दी और कहा, कि अपनी पत्नी को मार दो! उस आदमी ने वो बंदूक वहीँ नीचे रख दी और कहा मैं ये नहीं कर सकता!
तीसरा आदमी संता अंदर आया उससे भी वही पूछा,इंटरव्यू लेने वाले ने उसे बंदूक दी और कहा, कि अपनी पत्नी को मार दो!
संता अपनी पत्नी को लेकर कमरे में गया धम, धम, धम, धम की लगातार चार पांच आवाजें हुई और फिर सब शांत हो गया संता बाहर आया उसकी टाई खुल गयी थी उसने बंदूक को टेबल पर रखा!
इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा क्या हुआ? आप ने जो बंदूक मुझे दी थी उसमें खाली कारतूस थे और मैंने अपनी पत्नी को गला घोंटकर मार दिया!


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वह कौन था?
संता एक बार ऑस्ट्रेलिया गया था वहां सिडनी में एक बार में बैठा था तभी एक ऑस्ट्रेलियन आया और संता के साथ वाले स्टूल पर बैठ गया!
उसने संता की ओर मुखातिब होते हुए कहा चलो एक छोटा सा खेल खेलते है मैं तुमसे एक पहेली पूछता हूँ अगर तुम इसका जवाब दे पाए तो ड्रिंक मेरी ओर से और अगर जवाब नही दे पाए तो ड्रिंक तुम्हारी तरफ से!
संता ने बड़ी ख़ुशी से कहा ठीक है!
ऑस्ट्रेलियन ने कहा मेरे माँ बाप के एक बच्चा था, वह न तो मेरा भाई था और न मेरी बहन थी तो ये फिर कौन था?
संता अपने सिर को खुजलाने लगा और बहुत सोचने के बाद उसने उससे कहा मैं नही बता सकता तुम ही बताओ की वह कौन था?
तब ऑस्ट्रेलियन ने कहा वह मैं था! वह मजाकिया अंदाज में हंसने लगा, फिर संता ने ड्रिंक के पैसे चुकाए और वहां से चला गया!
अगले दिन संता वापिस लुधिआना आ गया रात में वह बार में बैठा था, तभी वहां बंता आ गया!
अरे बंता आओ यहाँ बैठो चलो एक खेल खेलते हैं, मैं तुमसे एक पहेली पूछता हूँ अगर तुम इसका जवाब दे पाए तो ड्रिंक मेरी ओर से और अगर नही दे पाए तो ड्रिंक तुम्हारी तरफ से!
बंता ने कहा ठीक है!
संता ने कहा मेरे माँ बाप के एक बच्चा था वह न तो मेरा भाई था और न मेरी बहन थी तो ये फिर कौन था?
बंता ने थोड़ी देर सोचा और फिर कहा, यार मुझे नही पता तुम ही बताओ वह कौन था?
संता ने कहा: वह एक ऑस्ट्रेलियन था, जो सिडनी में रहता है!


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पागलखाना!
एक पागलखाने में एक डॉक्टर सुबह सुबह मरीजों के चैकअप के लिए निकल पड़ा उसने देखा संता ऐसे दिखा रहा है कि वह लकड़ियाँ काटने का काम कर रहा है और बंता सीलिंग के साथ उल्टा लटका हुआ है!
डॉक्टर ने पूछा अरे संता क्या कर रहे हो?
संता ने कहा दिखाई नहीं देता लकड़ियाँ काट रहा हूँ!
डॉक्टर ने संता से फिर पूछा और ये बंता क्या कर रहा है?
संता ने कहा ये तो पागल हो गया है ये समझ रहा है कि ये बल्ब है इसलिए उल्टा लटका है!
डॉक्टर ने उल्टे लटके हुए बंता को देखा तो उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था डॉक्टर ने संता से कहा अरे, ये तुम्हारा दोस्त है इस से पहले कि इसके साथ कुछ गलत हो तुम्हें इसे नीचे उतारना चाहिए!
संता फिर में अँधेरे में काम कैसे करूँगा?


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काश देर ना होती!
एक बार एक औरतो से भरी बस का बहुत ही बुरी तरह से एक्सीडेंट हो गया, और उसमे सवार सभी औरतें मर गयी।
यह खबर सुन कर उन सभी औरतों के पति घटनास्थल पर पहुंचे और बड़ी जोर जोर से रोने लगे।
यह सब देख संता जोकि उन आदमियों के साथ घटनास्थल पर गया था वह भी रोने लगा।
परन्तु कुछ देर बाद जब वे सभी आदमी रो कर चुप हो गए तो संता फिर भी रोता रहा, यह देख कर एक आदमी संता के पास आया और उससे बोला," क्या हुआ भाई क्या तुम्हारी पत्नी भी इस एक्सीडेंट में मर गयी है क्या?"
संता: नहीं?
आदमी: तो फिर तुम क्यों इतनी जोर-जोर से रो रहे हो?
संता: क्योंकि मेरी बीवी की यही बस बस छूट गयी थी।


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संता की शानपट्टी!
संता बाज़ार में दरी बेचने वाली दुकान पर गया और साथ पप्पू को भी ले गया।
संता: मुझे एक बढ़िया दरी चाहिए।
दुकानदार: जी ज़रूर।
दुकानदार ने तरह-तरह की दरियां दिखाई।
अंत में संता को एक दरी पसंद आ गयी।
संता: मुझे यह वाली पसंद है, मैं इसे अभी अपने साथ ले जाता हूँ। यदि यह कमरे में ठीक-ठीक आ गयी तो रख लूंगा नहीं तो वापिस भेज दूंगा।
दुकानदार ने विश्वास कर लिया और बोला: अगर आपने वापिस करनी है तो कल शाम तक वापिस भेज दीजियेगा।
इतने में पप्पू बोला: कोई दिक्कत नहीं अंकल, हमारे यहाँ पार्टी तो आज रात को है।


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